खून से इंसाफ की गुहार: गरियाबंद की दलित बुज़ुर्ग महिला ने राष्ट्रपति को भेजा भावुक खत

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में 70 साल की दलित महिला ओम बाई बघेल ने इंसाफ न मिलने पर बेहद अनोखा और झकझोर देने वाला कदम उठाया है। उन्होंने अपने खून से राष्ट्रपति को पत्र लिखकर पुरखों की ज़मीन और मठ तोड़े जाने की शिकायत की है।
ओम बाई का आरोप है कि गांव के ही संतोष सारडा ने उनकी पुश्तैनी ज़मीन पर कब्जा कर लिया और वहां बनी उनके पूर्वजों की समाधि (मठ) को तोड़ डाला। महिला ने कहा, ये सिर्फ ज़मीन का मामला नहीं, बल्कि उनके पूर्वजों की आत्मा और अस्मिता का सवाल है।
टीबी से जूझ रही ओम बाई ने तहसील से लेकर कलेक्टर तक फरियाद लगाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। थक-हारकर वह पैथोलॉजी गईं, खून निकलवाया और उसी खून से अपनी आपबीती राष्ट्रपति को लिख डाली।
उनका रोते हुए वीडियो और खून से लिखा पत्र अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
तहसीलदार का पक्ष
छुरा तहसीलदार रमेश मेहता के मुताबिक, तीन साल पुराने इस विवाद में फैसला संतोष सारडा के पक्ष में हुआ था और उसे राजस्व कानून के तहत ज़मीन का कब्जा दिलाया गया। मठ तोड़ने की घटना बाद में हुई, जिसकी उन्हें जानकारी नहीं थी।
इस बीच गरियाबंद में कलेक्टर बदले
दीपक अग्रवाल ने भगवानू उइके से पदभार लिया है। पीड़िता को अब नए कलेक्टर से इंसाफ की उम्मीद है।